सर्दी, सर्दी सर्दी सर्दी

देखो कितनी छोटी छोटी ख़ुशियाँ लाती है सर्दी
गरम गरम नेहरु जैकेट से गरम अंगिठी तक
जब सुबह का सूरज लगता है नरम
और रात में रज़ाई में दुबकने का करता है मन
जब धूप में चलनें में आता है मज़ा
और धुँध में खो जाने का होता है डर
हर दिन की एक नयी जंग,
मेरी रज़ाई और बाहर की दुनिया के संग
और फिर वो गरम  चाय की चुस्की
गरमा गरम गाजर के हलवे के संग
देखो कितनी छोटी छोटी ख़ुशियाँ लेकर आता है ये मौसम 

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